21/10/2025
21.10..2025
*पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने अपने परिवार सहित दिवाली मनाई बुजुर्गों, बच्चों व नाको पर तैनात पुलिस जवानों के साथ*
*बाल कुंज छछरौली, वृद्ध आश्रम व पुलिस नाकों पर बांटी मिठाई, साझा की खुशियाँ*
#यमुनानगर #जगधरी पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि दीपों के पर्व दिवाली पर जहाँ अधिकतर लोग अपने परिवार के साथ उत्सव मनाते हैं, वहीं पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल ने इस बार अपनी दिवाली को कुछ अलग अंदाज में मनाने का निर्णय लिया। उन्होंने अपने परिवार सहित समाज के उन वर्गों के साथ यह पावन त्योहार मनाया जो आमतौर पर अकेलेपन का अनुभव करते हैं – जैसे कि अनाथ बच्चे, वृद्धजन और ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मी।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस अधीक्षक कमलदीप गोयल अपने परिवार के साथ सबसे पहले छछरौली स्थित 'बाल कुंज' पहुँचे, जहाँ उन्होंने अनाथ बच्चों के साथ दीपावली की खुशियाँ साझा कीं। बच्चों के चेहरों पर मुस्कान लाने के उद्देश्य से उन्होंने उन्हें मिठाई, फल, चॉकलेट व उपहार वितरित किए। पुलिस अधीक्षक ने बच्चों को प्रेरणादायक बातें भी कहीं, उन्हें ईमानदारी, परिश्रम और शिक्षा का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, “बच्चे देश का भविष्य हैं, और हमें उन्हें सही मार्गदर्शन व स्नेह देना चाहिए।”
इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने परिवार सहित जगाधरी स्थित वृद्ध आश्रम का दौरा किया। यहाँ उन्होंने बुजुर्गों के साथ समय बिताया, उन्हें मिठाई खिलाई और उनसे जीवन के अनुभवों को सुना। बुजुर्गों ने पुलिस अधीक्षक को आशीर्वाद दिया और उनके इस कार्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि आमतौर पर त्योहारों पर अकेलापन महसूस होता है, लेकिन इस बार पुलिस अधीक्षक के आगमन ने उन्हें घर जैसी अनुभूति करवाई।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हमारे बुजुर्ग हमारे समाज की जड़ें हैं। उनकी सेवा करना हमारा कर्तव्य है। हमें उन्हें अकेलापन महसूस नहीं होने देना चाहिए, विशेषकर त्योहारों पर।”
अंत में, उन्होंने जिले के विभिन्न पुलिस नाकों का दौरा किया, जहाँ सुरक्षा व्यवस्था के तहत ड्यूटी कर रहे पुलिस जवानों से मुलाकात की। उन्होंने जवानों को मिठाई खिलाई, दीपावली की शुभकामनाएँ दीं और उनके समर्पण की सराहना की। पुलिस अधीक्षक ने कहा, “हम जब अपने घरों में त्योहार मना रहे होते हैं, तब ये जवान बाहर खड़े रहकर हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम उनका मनोबल बढ़ाएं और उन्हें ये एहसास कराएं कि वे अकेले नहीं हैं।”
इस पूरे आयोजन का उद्देश्य समाज में सहभागिता, सेवा और समर्पण की भावना को प्रोत्साहित करना था। पुलिस अधीक्षक ने यह संदेश दिया कि त्योहार केवल आतिशबाजी और सजावट तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये एक-दूसरे के साथ जुड़ने, खुशियाँ बाँटने और समाज में सकारात्मकता फैलाने का अवसर होते हैं। उनकी यह पहल न केवल सराहनीय है, बल्कि अन्य अधिकारियों और नागरिकों के लिए भी एक प्रेरणा है कि वे भी ऐसे पर्वों पर उन लोगों के साथ समय बिताएँ जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता होती है।