11/10/2025
सत्यनिष्ठ न्यायाधीश श्री शनिदेव महाराज -
शनिदेव के क्रोध के समाप्त करवाक लेल लोक पीपरक गाछ केर पूजा करैत छैथि एहि सँ सम्बंधित एकटा पौराणिक कथा पुराण मे वर्णित अछि जे त्रेता युग में एकटा मुनि जिनकर नाम छलैन्ह कौशिक मुनि ओ अपन बच्चाक संग रहैत छलाह।
एक बेर देश में अकाल पड़ि गेलैक तऽ कौशिक मुनि अपन आ बच्चाक पेट भरवाक लेल कोनो दोसर देश विदा भेलाह। रस्ता में एकटा बच्चा भूख केर पीड़ा सँ बेहोश भऽ कऽ खसि पड़लखिन्ह तऽ कौशिक मुनि ओहि बच्चा के ओहिठाम छोड़ि कऽ आगू बढि गेलाह।
बच्चा कनैत कनैत एकटा पीपरक गाछ तर में जा कऽ सूति रहल। आब ओ ओहि पीपरक गाछ तर में रहय लागल। पीपरक फल खा कऽ ओ पैघ होमय लागल आ ओहि पीपरक गाछक तर में बैसि कए कठिन तपस्या करय लागल।
एक बेर देवर्षि नारद के ओहि बच्चा पर दया अयलनि ओ ओहि बच्चा के शिक्षा प्रदान कयलनि आ विष्णु भगवानक पूजा के विधि विधान सीखा देलखिन्ह। आब ओ बच्चा विष्णु भगवानक तपस्या करय लागल।
एक दिन विष्णु भगवान दर्शन देलखिन्ह आ कहलखिन्ह जे वरदान माँगू। ओ बच्चा भगवान विष्णु सँ भक्ति आ योग मांगि लेलक आ वरदान पावि ओहि पीपरक गाछ तर बैसि कऽ बहुत पैघ तपस्वी आ योगी बनि गेलाह।
अपन योग विद्या के माध्यम सँ ओहि बच्चा के पता चललैक जे ओकर आ ओकर पिता के स्थिति शनिदेव केर प्रकोप के कारण सँ भेलन्हि अछि तखन ओ आकाश मे शनैश्चर के उग्र दृष्टि सँ देखि ओकरा नीचाँ खसा देलखिन्ह।
समस्त देवता शनिदेव के इ हाल देखि ओहिठाम उपस्थित भेलाह। ब्रम्हा जी शनिदेव के पराजित करय बला ओहि बच्चा के आशीर्वाद दैत कहैत छथिन्ह जे अहाँ पीपरक के फर खा कऽ जीवन जीलहुं अछि तेँ आइ सँ अहाँक नाम पिपलाद ऋषि के नाम सँ लोक अहाँ के चिन्हत आ जे कियो अहाँ के मोन सँ स्मरण करत ओकर सात जन्म केर पाप नष्ट भऽ जेतैक संगहि पीपर गाछ के पूजा केनिहार व्यक्ति के शनिदेव कहियो कष्ट नहिं पहुँचा सकैत छैथि।
ब्रम्हा जी के आदेश सँ पिपलाद ऋषि शनैश्चर के ब्रम्हांड में पुनः स्थापित कऽ देलखिन्ह। ओही दिन सँ प्रत्येक शनि दिन ऋषि पिपलाद के स्मरण करैत भक्त लोकनि पीपरक गाछ केर पूजा करैत छैथि जाहि सँ शनि केर साढे साती, शनि के ढैया आ शनि महादशा कष्टदायक नहिं होइत छैक।
शनिदेव केर पूजा पीपरक गाछक तर में एक वर्ष धरि करवाक परम्परा अछि। शनिदेव के कारी तिल आ सरसो तेल अत्यधिक प्रिय छैन्ह जाहि सँ शनिदेव केर कृपा पाओल जा सकैत अछि।
शनिदेव केर कृपा सभ भक्त के सदैव प्राप्त होइत रहय एहि मंगलकामना केर संग जय श्री शनिदेव महाराज
🙏 🚩 🙏