
06/06/2025
___________नमाज ए ईद उल अज्हा का तरीका_____________
पहले ईस तरह नियत किजिए
नियत की मैने दो रकअत नमाज ईद उल अज्हा की , छे जाएद तकबीरों के साथ वास्ते अल्लाह तआलाके पीछे ईस ईमाम के मूह मेरा काबा शरीफकी तरफ कानो तक हाथ उठाकर अल्लाह हू अकबर कहकर हस्ब ए मामूल नाफके निचे हाथ बान्ध लिजिए और सना पढिए, फिर ईमाम साहब के मूताबीक कानों तक हाथ उठाइये और अल्लाह हू अकबर कहते हूवे हाथ छोडदिजिये , फिर हाथ कानो तक उठाइये और अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ छोडदिजिये , फिर हाथ कानो तक उठाकर अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बान्ध लिजिए, यानी पहली तकबीरके बाद हाथ बान्धीये उस्के बाद दूसरी और तीसरी तकबीरमें छोडदिजिये और चौथीमें हाथ बान्ध लिजिए ""ईस्को यूं याद रखिए कि जहां कयाममें तकबीरके बाद कूछ पढना है वहां हाथ बान्धनें हैं और जहां नहीं पढ्ना वहां हाथ छोडना हैं""फिर इमाम साहब किरत करेगें उस्को बगौर समात फरमाए और इमाम साहब के मूताबीक रूकूअ सूजूद करके पहली रकअत पूरी करे अब दूसरी रकअत के लिए ईमाम साहब के मूताबीक अल्लाह हू अकबर कहकर हाथोंको बान्ध ले और ईमान साहब के किरतको बगौर समात करे फिर ईमाम साहब के मूताबीक अल्लाह हू अकबर कहते हुए तीन बार कानो तक हाथ उठाकर छोडदिजिये फिर चौथी तकबीर में बगैर हाथ उठाए रूकूअ में जाते हुए कायदेके मूताबीक नमाज मूकम्मल कर लिजिए,हर दो तकबीरों के दरमियान तीन बार سبحاناللہ कहनेकी मिक्दार चूप खडा रहना है।(बहारे शरीयत जि.1स. 781)... खूत्बा सुन्ना वाजिब है ईस्को बगौर समात फरमाए फिर दूआ करे । फिर एक आपस में मूसाफहा और मूआनका करे ,फिर जिसपर कुर्बानी वाजिब हो वो कुर्बानी करे।