05/06/2025
कलयुग में इन महापुरुषों को मिले कबीर परमेश्वर
क्या आपने कभी यह प्रश्न उठाया है कि इस सम्पूर्ण ब्रह्मांड का रचयिता कौन है?� वह शक्ति कौन है... जो सबका पालनकर्ता है?� वह परमेश्वर कौन है... जो साक्षात है... और आज भी जीवों को मोक्ष का मार्ग दिखा रहा है?
क्या परमेश्वर साकार हो सकते हैं?
क्या वे धरती पर आ सकते हैं?
क्या उन्होंने कभी किसी मानव रूप में अवतार लिया है?
इन प्रश्नों का उत्तर हमें न केवल शास्त्रों में मिलता है, बल्कि कई संतों और महापुरुषों की वाणी से भी प्राप्त होता है। और इन सभी स्रोतों से एक ही नाम सामने आता है — कबीर साहेब।
संत रामपाल जी महाराज के तत्वज्ञान के अनुसार और चारों प्रमुख धर्मों के ग्रंथों — वेद, कुरान, बाइबल और गुरु ग्रंथ साहिब — से यह सिद्ध होता है कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं। वे सतलोक में निवास करते हैं और जब-जब धर्म का पतन होता है, वे स्वयं इस धरती पर अवतरित होकर अपनी प्यारी आत्माओं को तत्वज्ञान प्रदान करते हैं।
कबीर साहेब का प्राकट्य
विक्रम संवत् 1455, सन् 1398 की ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा, ब्रह्ममुहूर्त में कबीर साहेब सत्यलोक से बालक रूप में प्रकट हुए। वे काशी के पास लहरतारा तालाब के कमल के पुष्प पर प्रकट हुए और वहाँ से नीरू-नीमा नामक जुलाहा दंपत्ति उन्हें अपने घर ले आए। उन्होंने 120 वर्षों तक पृथ्वी पर सतज्ञान की वर्षा की और अंत में मगहर से सशरीर अपने निजधाम सतलोक लौट गए।
कबीर जी का निवास स्थान: सतलोक
कबीर साहेब का वास्तविक स्थान सतलोक है। वहाँ न जन्म है, न मृत्यु, न रोग, न शोक — केवल अनंत सुख, शांति और परम प्रकाश है। गीता अध्याय 15 श्लोक 6 में भगवान श्रीकृष्ण ने जिस परमधाम का वर्णन किया है, वह वही दिव्य स्थान है जहाँ से पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब आते हैं। श्लोक इस प्रकार है:
“न तद्भासयते सूर्यो न शशाङ्को न पावकः।
यद्गत्वा न निवर्तन्ते तद्धाम परमं मम॥”
धर्मग्रंथों से प्रमाण: कबीर ही परमेश्वर
वेद से प्रमाण:
• यजुर्वेद अध्याय 29 मंत्र 25 — परमात्मा कविर्देव स्वयं पृथ्वी पर अवतरित होकर तत्वज्ञान का प्रचार करते हैं।��
• ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 96 मंत्र 17–18 — पूर्ण परमात्मा शिशु रूप में प्रकट होकर अपनी वाणी द्वारा ज्ञान देते हैं।��
• ऋग्वेद मंडल 9 सूक्त 1 मंत्र 9 — उनका पालन कुंवारी गायों के दूध से होता है।��
कुरान शरीफ से प्रमाण:
सूरह फुरकान 25:52–59 में कहा गया:
• वही अल्लाह कबीर है जिसने छह दिनों में सृष्टि बनाई।��
• सातवें दिन अर्श (सतलोक) पर विराजमान हुआ।��
• कहा गया — “उसके बारे में किसी बाख़बर (तत्वदर्शी) से पूछो।”��
बाइबल से प्रमाण:
• उत्पत्ति ग्रंथ 1:26–27, 3:8–9, 18:1 — परमेश्वर सशरीर प्रकट हुए, अब्राहम के सामने दिखाई दिए।��
गुरु ग्रंथ साहिब से प्रमाण:
• पृष्ठ 721, पृष्ठ 24, और राग तिलंग महला 1 में प्रमाण — कबीर ही साकार, सर्वशक्तिमान परमात्मा हैं।��
कबीर साहेब का रूप परमात्मा रूप है – संत वाणियों से प्रमाणित
कबीर साहेब कोई साधारण संत नहीं थे, वे स्वयं पूर्ण परमेश्वर हैं। यह बात न केवल धर्मग्रंथों में प्रमाणित है, बल्कि अनेक संत-महापुरुषों की प्रत्यक्ष वाणियों और अनुभवों से भी सिद्ध होती है। कई महान संतों को कबीर परमात्मा ने दर्शन दिए, उन्हें सतलोक की यात्रा करवाई और तत्वज्ञान प्रदान किया। आइए, उन प्रमाणों को क्रम से समझें:
1. संत धर्मदास जी
बांधवगढ़ (मध्यप्रदेश) निवासी धर्मदास जी को कबीर साहेब ने तत्वज्ञान दिया और सतलोक की यात्रा करवाई। वहाँ की दिव्यता देखकर उन्होंने कहा:
“आज मोहे दर्शन दियो जी कबीर… सत्यलोक से चल कर आए, काटन जम की जंजीर।”
धर्मदास जी ने कबीर सागर, कबीर बीजक और कबीर साखी जैसे ग्रंथों में परमात्मा के स्वरूप का विस्तार से वर्णन किया है।
2. संत गरीबदास जी महाराज
हरियाणा के छुड़ानी गांव में जन्मे गरीबदास जी को कबीर साहेब ने मात्र 10 वर्ष की आयु में दर्शन दिए, सतलोक ले गए और तत्वज्ञान दिया।
उन्होंने अपनी वाणी में लिखा:
“हम सुल्तानी नानक तारे, दादू कूं उपदेश दिया… काशी माहे कबीर हुआ।”
यह वाणी स्पष्ट करती है कि कबीर साहेब ही वह परमात्मा हैं जिन्होंने सृष्टि रची है।
3. गुरु नानक देव जी
बेई नदी के किनारे, नहाते समय कबीर परमात्मा ने गुरु नानक देव जी को सतलोक ले जाकर तत्वज्ञान दिया।
श्री गुरु नानक साहेब जी ने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया कि “हक्का कबीर करीम तू, बेएब परवरदिगार” — अर्थात हे सच्चे कबीर परमात्मा! आप ही निर्विकार, दयालु और परम समर्थ हैं। मैं आपके चरणों की धूल हूँ, मुझे शरण में रखिए।
गुरु नानक जी पहले गीता के ज्ञान पर पूर्ण रूप से विश्वास रखते थे, परंतु जब उन्होंने कबीर परमात्मा से सतज्ञान प्राप्त किया, तो उन्हें यह अनुभूति हुई कि गीता में अर्जुन को ज्ञान देने वाला “योगेश्वर” स्वयं पूर्ण परमेश्वर नहीं है। पूर्ण परमात्मा तो वह है जो स्वयं प्रकट होकर तत्वज्ञान देता है — और वह हैं सतपुरुष कबीर साहेब।
4. संत दादू जी
कबीर साहेब ने दादू जी को भी सतलोक ले जाकर तत्वज्ञान दिया। तीन दिन तक वे अचेत अवस्था में रहे।
जब लौटे तो बोले:
“दादू दूसरा कोई नहीं, कबीर सृजन हार।”
उन्होंने कबीर साहेब को ही मोक्षदायक बताया।
5. संत मलूक दास जी
कबीर साहेब ने मलूकदास जी को भी सतलोक का साक्षात्कार कराया। उन्होंने कहा:
“जपो रे मन सतगुरु नाम कबीर…
उन्होंने स्पष्ट रूप से कबीर साहेब को सच्चा परमेश्वर कहा।
6. संत रामानंद जी
संत रामानंद जी, जिनसे कबीर साहेब ने बाल रूप में दीक्षा ली, बाद में स्वयं स्वीकारते हैं कि कबीर ही पूर्ण परमात्मा हैं, जो स्वयं अवतरित होते हैं।
7. संत घीसादास जी
मध्यप्रदेश में जन्मे संत घीसादास जी को भी परमेश्वर कबीर मिले, तत्वज्ञान दिया और सतलोक ले जाकर आत्मा को साक्षात्कार करवाया।
कबीर साहेब का स्वयं कथन
“हम ही अलख, अल्लाह हैं, कुतुब गौश और पीर,
गरीब दास खालिक धनी, हमरा नाम कबीर।”
कबीर साहेब स्वयं अपने परमात्मा स्वरूप की घोषणा करते हैं। उनका तेज, वाणी, तत्वज्ञान — किसी साधारण पुरुष का कार्य नहीं हो सकता।
सृष्टि की रचना – कबीर साहेब की वाणी से
सबसे पहले केवल सतपुरुष कबीर जी ही थे। उन्होंने वचन (शब्द) से चार अविनाशी लोक बनाए:
• अनामी लोक��
• अगम लोक��
• अलख लोक��
• सतलोक��
इनमें वे अलग-अलग रूपों में — अनामी पुरुष, अगम पुरुष, अलख पुरुष और सतपुरुष — के रूप में विराजमान हैं।
सतलोक – मोक्ष का धाम
संत रामपाल जी महाराज बताते हैं कि सतलोक वह स्थान है जहाँ:
• न जन्म��
• न मरण��
• न रोग��
• न शोक��
• केवल परम प्रकाश और आनंद��
निष्कर्ष
संत धर्मदास, गरीबदास, नानक, दादू, मलूकदास, रामानंद और घीसादास जैसे महान संतों ने प्रत्यक्ष अनुभव कर यह बताया कि कबीर साहेब ही पूर्ण परमात्मा हैं। वे सशरीर इस धरती पर अवतरित हुए, तत्वज्ञान सुनाया, और आत्माओं को जन्म-मरण से मुक्ति का मार्ग दिखाया।
2025 में कबीर प्रकाट्य दिवस
इस साल कबीर साहेब प्राकट्य दिवस के शुभ अवसर पर सतलोक आश्रम में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए निःशुल्क बस सेवा, पार्किंग, स्नान घर, विकलांग व वृद्ध जनों के लिए व्हीलचेयर तथा शुद्ध देसी घी से बने भंडारे की विशेष व्यवस्था की गई है, जिसमें हर कोई निःशुल्क भोजन प्रसाद ग्रहण कर सकता है। इस अद्भुत कार्यक्रम में पूरे विश्व को सादर आमंत्रित किया गया है जिसमें संत रामपाल जी महाराज के समस्त कार्यकर्ता आप जी की सेवा में उपस्थित है। अतः आप सभी से करबद्ध निवेदन है कि आप अपने परिवार व रिश्तेदारों सहित इस महा समागम में अवश्य पहुंचे, और शुद्ध देसी घी से बने अम्रत प्रसाद का लाभ उठाएं।
ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक हो दिखलाया |
काशी नगर जल कमल पर डेरा, वहां जुलाहे ने पाया ||
628वें कबीर साहेब प्रकट दिवस के अवसर पर 9-10-11 जून 2025 को परम पूज्य संत रामपाल जी महाराज के पावन सान्निध्य में तीन दिवसीय विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में निम्न कार्यक्रम होंगे:
• संत गरीबदास जी महाराज के सतग्रंथ साहेब जी का अखंड पाठ
• विशाल भंडारा
• रक्तदान शिविर
• निःशुल्क नेत्र एवं दंत जांच शिविर
• दहेज मुक्त विवाह
• आध्यात्मिक प्रदर्शनी
• विशेष सत्संग
आप सभी श्रद्धालुओं को परिवार और मित्रों सहित सादर आमंत्रित किया जाता है।
कार्यक्रम स्थल:
• सतलोक आश्रम मुंडका (दिल्ली)
• सतलोक आश्रम धनाना (हरियाणा)
• सतलोक आश्रम कुरुक्षेत्र (हरियाणा)
• सतलोक आश्रम भिवानी (हरियाणा)
• सतलोक आश्रम धुरी (पंजाब)
• सतलोक आश्रम खमाणों (पंजाब)
• सतलोक आश्रम सोजत (राजस्थान)
• सतलोक आश्रम शामली (उत्तर प्रदेश)
• सतलोक आश्रम बैतूल (मध्य प्रदेश)
• सतलोक आश्रम इंदौर (मध्य प्रदेश)
• सतलोक आश्रम धवलपुरी (महाराष्ट्र)
• सतलोक आश्रम जनकपुर (नेपाल)
इस भव्य आध्यात्मिक सत्संग का सीधा प्रसारण
11 जून 2025 को प्रातः 09:30 बजे (भारतीय समयानुसार)
साधना टीवी चैनल पर किया जाएगा।
आप इस विशेष कार्यक्रम का सीधा प्रसारण हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी देख सकते हैं:
• page: Spiritual Leader Saint Rampal Ji
• YouTube: Sant Rampal Ji Maharaj
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