26/07/2025
रोशनी ने चाँद से पूछा तो हया आ गई,
रात की रूह में इक नई अदा आ गई।
वफ़ा के किस्से लिखे थे रेत पर मैंने,
तेरे आने की खबर थी तो हवा आ गई।
हिज्र की राह में ठहरी थी मेरी साँसें,
तेरा नाम लिया तो नई सदा आ गई।
मौत से डर के जो जीते थे सदीयों तक,
फुरक़ान को हँसते देखा तो दुआ आ गई।
हमने तन्हाई से बातें कीं मगर क्या कहें,
तेरी यादों में भी शायरी खुद-ब-खुद आ गई।
— Furkan S Khan Feels