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टिहरी हेरिटेज सीरीज #1इसी क्रम में आज हम आपके समक्ष टिहरी गढ़वाल के एक ऐतिहासिक मंदिर की जानकारी लेकर आए है, जिसका नाम ’...
20/07/2025

टिहरी हेरिटेज सीरीज #1

इसी क्रम में आज हम आपके समक्ष टिहरी गढ़वाल के एक ऐतिहासिक मंदिर की जानकारी लेकर आए है, जिसका नाम ’अग्नि’ पर पड़ा और यह है एक शिव–शक्ति केंद्र।

"देव दर्शन, बुग्याल और खेलों का लुत्फ उठाना हो तो पौराणिक शिव मन्दिर अघान पहुंचे।"

जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्रांतर्गत विकासखण्ड थौलधार के ग्राम सेलूर में अघान नामक एक स्थान है। यहां पर काफी बड़े क्षेत्र में बुग्याल फैला हुआ है, जिसके एक छोर पर प्राचीन शिव मन्दिर तो दूसरी ओर स्थानीय युवाओं के मनोरंजन हेतु कुदरती खेल मैदान है। प्रकृति और आस्था के इस पावन स्थल पर शिव–भक्तों और खेल प्रेमियों के लिए कुदरत द्वारा प्रदत्त एक खूबसूरत नजारा है।

जनपद मुख्यालय से तकरीबन 50 किमी की दूरी पर चम्बा-उत्तरकाशी मोटर मार्ग के स्थान काण्डीखाल से 07 किमी की ब्रांच सड़क मार्ग से ग्राम सेलूर होते हुए अघान पहुंचा जा सकता है। वैसे तो इस स्थान पर पहुंचने के दो अन्य मार्ग भी है, जिसमें चम्बा-मसूरी मोटर मार्ग के स्थान ठांगधार से वाल्काखाल होते हुए तथा चम्बा-उत्तरकाशी मोटर मार्ग के स्थान सुल्याधार से भी पहुंचा जा सकता है।

‘‘अघान‘‘ से जहां एक ओर हिमालय तो दूसरी ओर पर्यटन नगरी धनोल्टी, नागटिब्बा सहित सेम मुखेम, खैंट पर्वत, सुरकण्डा सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों सहित चारो ओर खूबसूरत दृश्य स्पष्ट दिखायी देते है, जो कि अपने आप में प्रकृति का खूबसूरत खजाना संजोए हुये है।

अघान में हर वर्ष 09 गते बैसाख को एक दिवसीय धार्मिक मेले का आयोजन होता है। यहां पर थौलधार क्षेत्र के अलावा विकासखण्ड चम्बा व जौनपुर क्षेत्र के लोगों का आवागमन आस्था के दृष्टिगत बना रहता है। पर्यटक ठांगधार से कोड़िया ईको पार्क में सफारी के साथ अघान पहुंचते है तथा बुग्याल का लुत्फ उठाते हैं। वहीं इस बुग्याल में स्थानीय युवा विभिन्न खेलों का आनन्द लेते है।

श्री अघान महादेव का यह मंदिर एक सिद्ध पीठ है। सदियों से यहां स्वयंभू शिवलिंग के रूप में बाबा अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और यह शिवलिंग यहां कब से बसा हुआ है इसका कोई अनुमान नहीं लगा पाया। लेकिन सदियों से यहां लोग पूजा पाठ करने और अपने अनुष्ठान करवाने इस शिव मंदिर में आते हैं और स्थानीय लोग अपने इष्ट देवता के रूप मे पूजा करते है।

इस मंदिर में शिव अघान 'अग्नि' के रुप में विराजमान है। मंदिर चारों ओर से हरी भरी पहाड़ियों, चीड़ और देवदार के वृक्षों से घिरा हुआ, एक बहुत ही शांत, बेहद खूबसूरत और आलौकिक वातावरण में स्थित है।

गढ़वाली फिल्मों की शूटिंग:
अघान एक ऐसा स्थान भी है जहाँ गढ़वाली गाने और फ़िल्में फ़िल्माई गई हैं। लोकप्रिय गढ़वाली गीत "ढाई हाथे धामेली" में अघान मैदान के स्थान शामिल हैं।

तो आप भी इस खूबसूरत और अलौकिक वातावरण का आनंद लेकर आइए अघान में!!!

टिहरी हेरिटेज सीरीज‘‘प्राचीन सिद्ध पीठ देवलसारी का कोनेश्वर महादेव मंदिर।‘‘ ‘‘मंदिर में जलेरी न होने के कारण आधी नहीं, प...
20/07/2025

टिहरी हेरिटेज सीरीज

‘‘प्राचीन सिद्ध पीठ देवलसारी का कोनेश्वर महादेव मंदिर।‘‘

‘‘मंदिर में जलेरी न होने के कारण आधी नहीं, पूरी की जाती है परिक्रमा।‘‘

‘‘आइए दर्शन करें कोनेश्वर महादेव के और आनन्द लें स्थानीय जीवनशैली का।‘‘

उत्तराखण्ड के गढ़वाल क्षेत्रान्तर्गत जौनपुर ब्लॉक में एक शांत गांव देवलसारी, जो शहर की हलचल भरी दुनिया तथा मसूरी से लगभग 50 किमी दूरी पर स्थित है। प्रकृति की गोद में बसा यह गांव प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक समृद्धि और रोमांच का एक आदर्श मिश्रण है। आप चाहे प्रकृति प्रेमी हों, उत्साही ट्रेकिंग करने वाले हों या एकांत की तलाश में हों, देवलसारी आकर आप एक अविस्मरणीय अनुभव महसूस करेंगे।

देवलसारी में देवदार के घने जंगल के बीच स्थित प्रसिद्ध कोनेश्वर महादेव मंदिर के बारे में कहा जाता है कि यह मंदिर 1600 के दशक में बनाया गया था। देवलसारी मंदिर के इतिहास के बारे में पता लगाया गया तो पता चला कि यह मंदिर उत्तराखंड का ऐसा मंदिर है, जहां शिवजी ने क्रोधित होकर जंगल बनाया। स्थानीय लोगों से इस मंदिर के बनने की रोचक कहानी इस घाटी में सुनी जा सकती है। किंवदंती के अनुसार यहां के खेतों की रखवाली कर रहे एक ग्रामीण के खेत में एक साधु पहुंचा। साधु ने उस चौकीदार से कुटिया बनाने के लिए थोड़ी सी जगह मांगी, लेकिन फसल लगी होने के कारण चौकीदार ने साधू को जगह उपलब्ध कराने से मना कर दिया। इस पर साधु क्रोधित होकर वहां से चला गया। सुबह जब चौकीदार खेत में पहुंचा तो लहलहाती फसल की जगह देवदार का जंगल था। उन्होंने जंगल के बीचों-बीच एक शिवलिंग भी देखा। ग्रामीणों ने साधु को शिव का रूप मानकर यहां मंदिर बनाने का प्रयास किया, लेकिन मंदिर नहीं बन पाया। कुछ समय बाद एक ग्रामीण ने रोज सुबह शाम अपनी गाय को शिवलिंग पर दूध अर्पित करते हुए देखा तथा क्रोधित होकर उसने कुल्हाड़ी से शिवलिंग पर प्रहार किया। इस चोट से कुल्हाड़ी टूट गई और उस ग्रामीण के सिर में जा धंसी जिससे उसकी मृत्यु हो गई। गांव वाले समझ गए कि भोलेनाथ नाराज हो गए हैं। कुछ समय बाद एक ग्रामीण को सपने में उसी साधु के रूप में शिव भगवान ने दर्शन दिए और देवदार के बीच एक मंदिर बनाने और डोली निकालने को कहा। तब गांव वालों ने वहां लकड़ी का एक मंदिर बनाया, इसी मंदिर को कोनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है।

‘‘मंदिर में जलेरी न होने के कारण आधी नहीं पूरी की जाती है परिक्रमा।‘‘

इस मंदिर में कुदरत का अनोखा चमत्कार देखने को मिलता है। मंदिर में जलेरी नहीं होने से इस मंदिर की आधी नहीं, बल्कि पूरी परिक्रमा की जाती है। इतना ही नहीं इस शिवालय की अनूठी परंपराएं और कई रहस्य श्रद्धालुओं को हैरत में डाल देते है। मंदिर के शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले हजारों लीटर जल की निकासी कहां होती है? इस रहस्य से आज तक पर्दा नहीं उठा पाया है।

‘‘कैसे पहुंचें देवलसारी कोनेश्वर मंदिर।‘‘

देवलसारी मसूरी के रास्ते आसानी से पहुँचा जा सकता है। उत्तराखंड और उसके बाहर के प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से यह स्थान जुड़ा हुआ है। मसूरी से आप टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या निकटतम शहर थत्यूड़ के लिए स्थानीय बस ले सकते हैं। थत्यूड़ से देवलसारी तक की यात्रा का अंतिम चरण एक छोटी ड्राइव या सुंदर परिदृश्य के बीच पैदल यात्रा करके पूरा किया जा सकता है।

‘‘कब जाएं देवलसारी कोनेश्वर मंदिर।‘‘

देवलसारी जाने का सबसे अच्छा समय बसंत ऋतु (मार्च से जून) और शरद ऋतु (सितंबर से नवंबर) के मौसम के दौरान होता है। इन अवधियों के दौरान मौसम सुहावना होता है और प्राकृतिक नैसर्गिक सुंदरता अपने चरम पर होती है। ग्रीष्मकाल मैदानी इलाकों की गर्मी से राहत प्रदान करता है। जुलाई से अगस्त तक मानसून का मौसम हरियाली लेकर आता है, लेकिन भारी बारिश के कारण यात्रा चुनौतीपूर्ण हो सकती है।

देवलसारी में ठहरने के विकल्प सीमित, लेकिन आकर्षक हैं, स्थानीय लोगों के कुछ गेस्टहाउस और होमस्टे हैं जो बुनियादी और आरामदायक सुविधाएँ प्रदान करते हैं। होमस्टे में रहना सबसे अच्छा विकल्प हैं, क्योंकि यह स्थानीय जीवनशैली और आतिथ्य का प्रत्यक्ष अनुभव का अवसर प्रदान करता है।8

20/07/2025

टिहरी जिले में 9 से अधिक पत्रकार चुनाव मैदान में उतारे

खबर कमेंट बॉक्स में

*B.Sc. 6th सेमेस्टर में गंभीर मूल्यांकन त्रुटि: 22 जुलाई तक जांच नहीं हुई तो छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना* उत्तरकाशी, 1...
18/07/2025

*B.Sc. 6th सेमेस्टर में गंभीर मूल्यांकन त्रुटि: 22 जुलाई तक जांच नहीं हुई तो छात्रों का अनिश्चितकालीन धरना*

उत्तरकाशी, 18 जुलाई 2025
रामचंद्र उनियाल स्नातकोत्तर महाविद्यालय, उत्तरकाशी के छात्र-छात्राओं ने श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय पर परीक्षा परिणाम में गंभीर मूल्यांकन त्रुटियों का आरोप लगाते हुए जोरदार चेतावनी दी है। छात्रों का कहना है कि यदि 22 जुलाई 2025 तक पुनर्मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई, तो वे महाविद्यालय परिसर में अनिश्चितकालीन धरना देंगे।

टॉपर छात्र भी फेल कर दिए गए

छात्रों ने बताया कि B.Sc. 6th सेमेस्टर के हाल ही में घोषित परिणामों में टॉपर रहे छात्र भी फेल कर दिए गए हैं। यह न केवल मूल्यांकन में भारी चूक को दर्शाता है, बल्कि छात्रों के भविष्य और मानसिक स्वास्थ्य के साथ भी अन्याय है।

पुरानी गड़बड़ियों का दोहराव

छात्रों ने यह भी बताया कि इस तरह की गड़बड़ियां पहले भी कई बार हो चुकी हैं। समय-समय पर मेल, ज्ञापन और शिकायतें भेजी गईं, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्यवाही अब तक नहीं की गई।

अल्टीमेटम: 22 जुलाई डेडलाइन

छात्रों ने स्पष्ट कहा है कि यदि 22 जुलाई तक पुनः जांच कमेटी गठित कर उत्तरपुस्तिकाओं की जांच शुरू नहीं की गई, तो वे शांतिपूर्ण लेकिन उग्र आंदोलन छेड़ने को बाध्य होंगे। इस पूरे मामले की एक प्रति जिलाधिकारी उत्तरकाशी को भी सौंप दी गई है।

DM से हुई मुलाकात, उठाए अन्य मुद्दे

छात्रों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर न केवल परिणाम त्रुटि पर चर्चा की, बल्कि कॉलेज में व्याप्त अन्य शैक्षणिक समस्याओं को भी उठाया। छात्रों ने मांग की कि शैक्षणिक व्यवस्थाएं समय पर और सुचारू रूप से चलाई जाएं।

✊ ॐ छात्र संगठन ने किया नेतृत्व

इस आंदोलन का नेतृत्व ॐ छात्र संगठन के छात्र नेता विनय मोहन चौहान द्वारा किया गया। संगठन के संस्थापक ने मौके पर पहुंचकर छात्र-छात्राओं को भरोसा दिलाया कि संगठन छात्र हितों की लड़ाई में उनके साथ खड़ा है।

संस्थापक ने प्राचार्य से भी वार्ता कर समस्या का शीघ्र समाधान करने की मांग रखी। साथ ही चेतावनी दी कि यदि उचित कदम नहीं उठाए गए तो संगठन छात्र-छात्राओं के साथ मिलकर धरना, उग्र प्रदर्शन या आमरण अनशन तक कर सकता है।

ज्ञापन देने वालों में विनय मोहन चौहान,रोहित नेगी,शुभम चमोली,दिव्यांशी ,आदि छात्र छात्राएं मौजूद थी।

18/07/2025

फरीदाबाद के आशुभ के साथ आईं 6 लोगो की कावड़ टॉली

कांवड़ियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सफल कांवड़ यात्रा को लेकर जिला प्रशासन प्रयासरत

जनपद टिहरी गढ़वाल क्षेत्रान्तर्गत #कांवड़ #यात्रा मार्गों पर सावन के पहले सोमवार से कांवड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसको देखते हुए जिला प्रशासन भी कावड़ यात्रा रूट पर सख्ताई से यात्रा को सफल व सुगम बनाने के लिए प्रयासरत है।

सावन के पहले सोमवार के बाद भोले के भक्त पैदल कांवड़ और दो पहिया कांवड़ लेकर सीधे हरिद्वार से होकर ऋषिकेश पहुंच रहे हैं। बड़े वाहनों में आ रहे डाक कांवड़ियों को जिला प्रशासन टिहरी द्वारा जनपद सीमान्तर्गत चंद्रभागा पुल के समीप बनी पार्किंग में रोका जा रहा है। वहीं दो पहिया वाहनों की डाक कांवड़ मुनिकीरेती, ढालवाला और भद्रकाली से होते हुए राम झूला की पार्किंग में रोकी जा रही है। वाहनों की अत्यधिक भीड़ के दृष्टिगत टिहरी पुलिस प्रशासन ने ब्रह्मानंद तिराहे के समीप खारास्रोत में भी पार्किंग व्यवस्था की गई है।

जनपद में जगह-जगह पुलिस की सहायता हेतु कैनोपी के माध्यम से कांवड़ यात्रा को व्यवस्थित रूप से संचालित किया जा रहा है, ताकि आम जनमानस को आवागमन में कोई दिक्कत ना हो। वहीं #ढालवाला, #मुनिकीरेती, #चंद्रभागा, #भद्रकाली, #शिवपुरी और गरुड़चट्टी पुल के समीप लगे लगभग 56 सीसीटीवी कैमरों की मदद से ढालवाला मंे स्थापित वायरलेस कंट्रोल रूम से कांवड़ यात्रा रूट पर पैनी नजर रखी जा रही है। कहीं भी अव्यवस्था की सम्भावना दिखते ही सुव्यवस्थित यात्रा संचालन के निर्देश मौके पर दिए जा रहे हैं तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सख्ती से भीड़ को नियंत्रित किया जा रहा है। इसके साथ ही लक्ष्मण झूला और राम झूला के समीप घाटों से जल भर रहे कांवड़ियों को नदी से उचित दूरी बनाए रखने के निर्देश भी दिए जा रहे हैं तथा गंगा नदी किनारे जल पुलिस भी मौके पर मौजूद है।

ग्रेटर नॉएडा से आए पांच कांवड़ियों की टोली ने गंगा में स्नान कर गंगाजल लेकर नीलकंठ महादेव के लिए प्रस्थान किया। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा जगह-जगह लगाई गई पुलिस कैनोपी से उन्हें यात्रा रूट की सही जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इस बार की कांवड़ यात्रा भव्य और सुचारू रूप से संचालित हो रही है। कांवड़ियों के लिए खाने-पीने, स्वास्थ्य सुविधा, शौचालय एवं अन्य सभी व्यवस्थाएं की गई है। इस मौके पर उनके द्वारा कांवड़ यात्रा पर आने वाले कांवड़ियों से यातायात के नियमों का पालन करते हुए कांवड़ यात्रा को सफल बनाने मंे अपनी भागीदारी निभाने का अनुरोध किया गया।

डॉ. मनमोहन नेगी बने हड्डी रोग विशेषज्ञ, क्षेत्र में खुशी की लहरडॉ. मनमोहन नेगी बने हड्डी रोग विशेषज्ञ, क्षेत्र में खुशी ...
17/07/2025

डॉ. मनमोहन नेगी बने हड्डी रोग विशेषज्ञ, क्षेत्र में खुशी की लहर

डॉ. मनमोहन नेगी बने हड्डी रोग विशेषज्ञ, क्षेत्र में खुशी की लहर
शक्ति नगर, कर्णप्रयाग से उभरे चिकित्सा क्षेत्र के उभरते सितारे।

विकासखंड नारायण बगड़ के ग्राम सुनभी (उत्तरीकडाकोट) के मूल निवासी एवं वर्तमान में शक्ति नगर, कर्णप्रयाग में रहने वाले डॉ. मनमोहन नेगी ने हड्डी रोग विशेषज्ञ (Orthopedic Specialist) बनकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उन्होंने प्रतिष्ठित महाराजा सियाजीराव विश्वविद्यालय, बड़ौदा (गुजरात) से हड्डी रोग में विशेषज्ञता की उपाधि प्राप्त की है।

डॉ. मनमोहन वर्ष 2013 से चिकित्सा क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनका चयन वर्ष 2013 में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राजकीय आयुर्विज्ञान एवं शोध संस्थान, श्रीनगर (गढ़वाल) में हुआ था। उन्होंने वर्ष 2018-19 में अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने निरंतर मेहनत और लगन से उच्च शिक्षा की दिशा में कदम बढ़ाया और अब वह सुपर स्पेस्लिस्ट के प्रशिक्षण ले लिए मुम्बई मे तैयारी कर रहे है।

डॉ. मनमोहन के माता-पिता दोनों ही शिक्षण क्षेत्र से जुड़े हैं। उनके पिता श्री शिव सिंह नेगी बताते हैं कि जब मनमोहन कक्षा 10 में पढ़ रहे थे, तभी से उन्होंने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में काम करने का सपना देखा था। उन्होंने हमेशा दूसरों की मदद करने की भावना को प्राथमिकता दी। उनके इस जुनून को देखते हुए माता-पिता ने न केवल उनका मार्गदर्शन किया, बल्कि हर मोड़ पर उनका मनोबल भी बढ़ाया।

आज मनमोहन की इस उपलब्धि से परिवार ही नहीं, पूरा क्षेत्र गौरवान्वित है। उनके गांव व नगर में हर्ष का माहौल है। क्षेत्रवासी इस सफलता को प्रेरणास्रोत मानते हुए नवयुवाओं को भी स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं।
मनमोहन की माँ मंजू देवी बताती है की बचपन से ही किसी कार्य को निष्ठा, से किसी काम को ठान लिया तो पूरा करने की ललग से आज वह इस मुकाम पर पहुँच पाया है।

*अस्पताल में मरीज को नहीं होनी चाहिए किसी भी प्रकार की परेशानी – डॉ. धन सिंह रावत* ।*इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर के साथ  ...
17/07/2025

*अस्पताल में मरीज को नहीं होनी चाहिए किसी भी प्रकार की परेशानी – डॉ. धन सिंह रावत* ।

*इमरजेंसी में जूनियर डॉक्टर के साथ सीनियर डॉक्टर भी रहे मौजूद* ।

उत्तराखंड सरकार के कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने गुरुवार को मेडिकल कॉलेज के परिसर में वृक्षारोपण किया और कहा कि वृक्ष हमारी धरोहर हैं और जीवन के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने प्रत्येक व्यक्ति से एक-एक पेड़ लगाने और उनकी देखभाल करने का आग्रह किया।

इसके बाद, डॉ. रावत ने मेडिकल कॉलेज एवं बेस अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की इस बैठक में उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि इमरजेंसी में सीनियर डॉक्टर की मौजूदगी आवश्यक है, ताकि मरीजों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि अस्पताल की जिम्मेदारी मरीज को सुविधा देकर शीघ्र स्वस्थ बनाने की है।

डॉ. रावत ने अस्पताल में साफ-सफाई की व्यवस्था को भी सुधारने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल में आने वाले मरीज और तीमारदार को उपचार से पहले साफ-सफाई और डॉक्टर की मौजूदगी दिखनी चाहिए, जिससे मरीज की मानसिक तौर पर बीमारी को कम किया जा सके।

इसके अलावा डॉ. रावत ने कलियासौड में बनने वाली पार्किंग का स्थलीय निरीक्षण भी किया और तहसील प्रशासन को पार्किंग वाले स्थल की मौजूदा स्थिति को चिन्हित करने के निर्देश भी दिए , डा. धन सिंह रावत कहा कि आने वाले समय में पार्किंग के बन जाने से मां धारी देवी के दर्शन करने आए श्रद्धालुओं को गाड़ी पार्क करने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी जिससे यातायात व्यवस्था भी सुचारू बनी रह सके।

बैठक में पूर्व प्राचार्य चंद्र मोहन सिंह रावत, नवनियुक्त सीएमएस डॉ. राकेश रावत, डिप्टी सीएमएस डॉ. हटवाल, मंडल अध्यक्ष भाजपा विनय घिल्डियाल, जिला मीडिया प्रभारी गणेश भट्ट, मंडल महामंत्री एवं पार्षद दिनेश पटवाल, शुभम प्रभाकर, जयपाल बिष्ट, संजय गुप्ता, हीरालाल जैन पडियार आदि लोग मौजूद रहे ।

*श्रद्धालुओं की भीड़ में बिछड़ा👦 13 वर्षीय भोला – पौड़ी पुलिस ने "परछाई" बन मिलाया सकुशल परिजनों से ।*👧 *डरे हुए चेहरे प...
17/07/2025

*श्रद्धालुओं की भीड़ में बिछड़ा👦 13 वर्षीय भोला – पौड़ी पुलिस ने "परछाई" बन मिलाया सकुशल परिजनों से ।*

👧 *डरे हुए चेहरे पर लौटी मुस्कान – पुलिस बनी नन्हीं बालिका की सच्ची साथी।*

नीलकंठ कांवड़ मेले में नीलकंठ मंदिर में दर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश निवासी 13 वर्षीय भोला अपने परिजनों से बिछड़ गया था जो घबराहट में खोया पाया केन्द्र नीलकंठ में पहुंचा जहां पर बालक को शांत कर उससे परिजनों को खोजने हेतु आस-पास जानकारी करने के साथ ही लगातार अनाउंमेंट किया गया। पुलिस टीम द्वारा मंदिर परिसर भीड़ में परिजनों की गहन खोजबीन की और कुछ ही देर में परिजनों को खोज निकाला गया जिसके पश्चात बालक को परिजनों के सुपुर्द किया गया।

आज सुबह नीलकंठ पैदल मार्ग पर पुण्डरासू चौक के पास एक छोटी बालिका रोती हुई और डरी-सहमी हालत में अकेली घूमती हुई नजर आई। जो अपने परिजनों से बिछड़ गई थी, और भारी भीड़ में उसे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा था। जैसे ही इस बात का पता वहां ड्यूटी में तैनात हेड कांस्टेबल दिनेश जोशी व हेड कांस्टेबल अमित कुमार को चला तो उन्होंने बालिका को तुरंत अपने पास बैठाकर सांत्वना दी और भरोसे का अहसास कराया। दोनों पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ मानवता का परिचय दिया, बल्कि तत्परता दिखाते हुए आस-पास के सभी ड्यूटी प्वाइंट्स से संपर्क स्थापित कर बालिका के परिजनों की खोज शुरू कर दी। कुछ ही देर की सतत कोशिशों के बाद बालिका के परिजन मिल गए, और उसे सकुशल उनके सुपुर्द किया गया।

आज बुधवार 16 जुलाई को  #हरेला के शुभ अवसर पर स्थान भोनाबागी (टी सी आर) मनियार में ‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम पर बृहद वृक्ष...
16/07/2025

आज बुधवार 16 जुलाई को #हरेला के शुभ अवसर पर स्थान भोनाबागी (टी सी आर) मनियार में ‘एक पेड़ मां के नाम’ थीम पर बृहद वृक्षरोपण कार्यक्रम किया गया। जिसमें स्कूली छात्र–छात्राओं, वन विभाग के कर्मचारी, अधिकारी एवं अन्य जिला स्तरीय अधिकारी व कर्मचारी द्वारा प्रतिभाग किया गया।

कार्यक्रम ने टिहरी प्रभागीय वनाधिकारी डीएफओ पुनीत तोमर, जन्मेजय चंद्र रमोला, अजय पाल सिंह राणा, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होशियार सिंह बिष्ट, वन दारोगा लक्ष्मण सिंह साजवान, आजाद सिंह पंवार, आरती आदि उपस्थित रहे।

टिहरी घनसाली मोटर मार्ग परघनसाली बेरियर के पास आया भारी मलवा। भारी बोल्डर आने से बंद हुआ मोटर मार्ग।
16/07/2025

टिहरी घनसाली मोटर मार्ग पर
घनसाली बेरियर के पास आया भारी मलवा। भारी बोल्डर आने से बंद हुआ मोटर मार्ग।

15/07/2025

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