
26/09/2025
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य चुनाव आयोग पर ₹2 लाख का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना पंचायत चुनाव में उन उम्मीदवारों का नामांकन रद्द करने से इनकार करने के लिए लगाया गया, जिनके नाम दो या अधिक मतदाता सूचियों में दर्ज थे। यह फैसला उत्तराखंड हाई कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ था, जिसने उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम, 2016 के तहत ऐसे उम्मीदवारों का नामांकन रद्द करने का आदेश दिया था।
रिपोर्ट्स के अनुसार, जनवरी में हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा ने अनुचित लाभ लेने के लिए अपने समर्थकों के नाम ग्रामीण से शहरी मतदाता सूची में स्थानांतरित किए। बाद में, पंचायत चुनाव में लाभ के लिए इन नामों को दोबारा ग्रामीण सूची में शामिल करने की कोशिश की गई। कांग्रेस के विरोध के बाद, भाजपा से जुड़े लोगों ने नाम स्थानांतरित करने के बजाय नई मतदाता सूचियों में नाम जोड़वाए, जिससे वे दो स्थानों पर मतदाता बन गए।
इसी आधार पर नामांकन रद्द करने की मांग को चुनाव आयोग ने खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने यह जुर्माना लगाया।