27/09/2024
प्राचीन समय में एक राजा को शक था कि रानी उसकी गैर हाजिरी में मंत्रिमंडल के सदस्यों को देती है।
इसीलिए राजा ने एक लोहार को दरबार में बुलाया और उससे कहा कि रानी के लिए एक लोहे की कच्छी बनाओ। जिसमें एक मजबूत ताला लगाओ।
लोहार सारा मामला समझ गया था, वह बोला महाराज लोहे की कच्छी तो में बना दूंगा, लेकिन जब आप बाहर जाओगे तो रानी हगेगी-मूतेगी कैसे ?
तो राजा ने कहा कोई बात नहीं तुम ठीक जगह पर छेद छोड़ देना। इसके बाद लोहार कच्छी बनाने चला गया.
तभी राजा के दिमाग में आया कि अगर कच्छी में ठीक जगह पर छेद छोड़ दिया तो क्या फायदा, रानी तो इस छेद से अंदर डलवा लेगी।
फिर राजा ने लोहार को दोबारा दरबार में बुलाया और कहा कि तुम कच्छी में हगने और मूतने के लिए जो छेद छोड़ोगे उसमें कांटे लगा देना, अगर रानी किसी से डलवाना भी चाहेगी तो उसकी छिल जाएगा।
ये सुनकर लोहार थोड़ा टेंशन में आ गया, कुछ देर सोचने के बाद वह बोला महाराज आगे वाले छेद में कांटे लगाने में कोई दिक्कत नहीं है लेकिन पीछे वाले छेद में दिक्कत है।
क्योंकि रानी जब भी हगेगी तो आधा माल कांटों में अटक जाएगा, अगर वो अंगुली से साफ करेगी तो उसकी अंगुली कट जाएगी।
ये सुनकर राजा अपने दिमाग में कोई दूसरी तरकीब निकालने लगा, तभी लोहार बोला राजन पीछे वाले का वैसे भी कोई टेंशन नहीं है।
ऐसी बदबूदार जगह भला कौन डालेगा, मैं आगे वाले में कांटे लगा देता हूं पीछे वाले को छोड़ देता हूं. राजा को लगा लोहार सही कह रहा है उसने इजाजत दे दी.
अगले दिन लोहार ने कच्छी बनाकर राजा के सामने पेश कर दिया और राजा ने वह कच्ची अपनी रानी को पहनाकर ताला लगाकर चाबी अपने पास रख ली।
अब जब भी राजा का मन करता था वह ताला खोलता था और 61-62 करने लग जाता था, फिर ताला बंद कर देता था.
इसके बाद कुछ दिनों के लिए राजा किसी काम के लिए दूसरे राज्य में चला गया, तभी लोहार रानी के पास आया और उसे उदास देखकर बोला रानी जी आपकी उदासी का कारण में जानता हूं और मेरे पास इसका समाधान भी है.
लोहार के मुंह से यह सुनकर रानी को थोड़ी आशा की किरणें नजर आने लगी, क्योंकि वह जानती थी कि मैं पिछले कुछ दिनों से इस लोहार को लाइन दे रही हूं इसने कुछ ना कुछ जुगाड़ जरूर छोड़ा होगा।
वह लोहार से बोली बताओ मेरी समस्या का समाधान क्या है तो लोहार बोला पहले वादा करो कि समाधान के बाद तुम एक बार मुझे भी दोगी।
तो रानी फीकी मुस्कान के साथ बोली लोगे कैसे? यहाँ तो राजा ने सिक्योरिटी टाइट कर रखी है.
लोहार बोला रानी जी मुझे मालूम है तुम्हें बैक डोर से एंट्री मरवाने की लत है इसीलिए मैंने बैक डोर वाले छेद में कांटे नहीं लगाए हैं।
खास बात ये है कि ये छेद मैंने अपना हथियार नाप कर बनाया है, और अंदर बाहर करके भी देखा है.
लोहार के मुंह से ये सुनकर रानी के आंखों में खुशी के आंसू आ गए, उसने लोहार को तुरंत गले लगाया और उसके ऊपर पप्पियों की बौछार कर दी।
फिर क्या था रानी तुरन्त घोड़ी बन गई और लोहार ने घुसा दिया, जब रानी ने यह बात अपने मंत्रिमंडल के आशिकों को बताई तो सब में खुशी की लहर दौड़ गई और उन्होंने लोहार को कई मूल्यवान वस्तुएं भेंट में दे दी.
हैरान करने वाली बात यह है कि राजा को कभी भी भनक तक नहीं लगी की लोहे की कच्छी पहनाने के बावजूद भी रानी मेरी गैर हाजिरी में सबको दे रही है।
फिलहाल ये पुरानी कहानी आपको कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं और यह भी बताएं कि लोहार ने सही किया या गलत ?