06/19/2017
आज कुछ लिखने का मन कर रहा है सो फिर से लिख रहा हूँ. " क्या कहू? कुछ कहा नही जाता.. पर कहे बिना रहा भी नही जाता…" मेरी प्यारी अस्सी हो सके तो पढ़ लेना, मुझे नहीं पता तुम मुझे आज याद करती हो या नहीं लेकिन ये दिल और दिमाग आज भी सिर्फ तुम्हारा है , पता नहीं क्यों इतने लम्बे समय के बाद भी सिर्फ तुम ही हर जगह नज़र आती हो, हो सके तो कभी सोचना उस समय के बारे में जो कभी हमने एक साथ बिताये थे और उन समय को याद कर के तुम्हारे अंदर थोड़ा सा भी प्यार हो तो याद करना की क्या क्या प्यार के किस्से सुनाया करती थी , मैं ये नहीं कहता की तुम मेरे से प्यार नहीं करती थी लेकिन हां ये जरूर कह सकता हु उस प्यार के सिवा आज मुझे कुछ दीखता नहीं है शायद इसी वजह से इतना असफल हु मैं। न जाने कौन सा हवा आया और एक झटके में सब बर्बाद कर दिया।गलतिया मेरी थी या तुम्हारी या किसी का खेल था मज़ाक बनाने के लिए, लेकिन बर्बाद हुआ कोई और। और वो कोई और नहीं सिर्फ मैं हु जो आज इतना गिरा हुआ महसूस करता हु। सायद मैं असफल हु सिर्फ और सिर्फ इस अपने प्यार के वजह से , जो मैं भूल के भी नहीं भूल सकता। बताओ कैसे तुम्हे भुलाऊं ? के तुम तो वाकिफ हो इस हुनर से… मैं आज भी तुम्हारा हु और बस तुमसे शुरू हुए और तुम्ही में समाहित हो जाना चाहते है ,पता नहीं क्यों लगता है जैसे ये सिर्फ एक समय की बात है जिस पे मुझे विश्वास नहीं होता की तुम मेरी नहीं हो , खैर आज फिर दिल बहुत उदास है और तुम्हारे बारे में सुन के काफी खुसी हो रही है की अब सच में तुम बहुत आगे निकल गयी हो। लेकिन एक बात पूछना था हमेसा की तरह जब अलग करना ही था तो ये बे - शुमार प्यार देने की क्या जरूरत थी जो किसी के लिए जीवन जीने और मरने के बराबर हो। जिन्दा हो के भी हर दिन घुटन होती है अपने से। समय मिले तो कभी लौट आना आज भी बस कल की तरह इंतज़ार है। बस तुम्हे लिखने वाला ये Psycho @ कीटु छोड़ तो सकता हूँ मगर छोड़ नहीं पाता उसे, वो शख्स मेरी बिगड़ी हुई आदत की तरह है.
https://rahulgupta2017.wordpress.com/2017/06/19/%e0%a4%af%e0%a5%87-%e0%a4%ac%e0%a5%87-%e0%a4%b6%e0%a5%81%e0%a4%ae%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%af%e0%a4%be%e0%a4%b0-%e0%a4%a6%e0%a5%87%e0%a4%a8%e0%a5%87-%e0%a4%95%e0%a5%80-%e0%a4%95/
आज कुछ लिखने का मन कर रहा है सो फिर से लिख रहा हूँ. ” क्या कहू? कुछ कहा नही जाता.. पर कहे बिना रहा भी नही जाता…” मेरी प्यारी अस्सी हो सके तो पढ़ लेना, मुझे नहीं पता तुम मुझे आज याद करती…