Faizan haq

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31/03/2025
चाँद मुबारक Mau walo
30/03/2025

चाँद मुबारक
Mau walo

🇮🇳इंडिया walo aapko ईद उल fitr ka  chand मुबारक
30/03/2025

🇮🇳इंडिया walo aapko ईद उल fitr ka chand मुबारक

09/05/2023

*लॉकडाउन में मसीहा बनकर जब हमारे बीच पहुंचे अरशद जमाल!*

*~ अब्दुल हलीम साहब (कोपागंजी) की कलम से*

० लॉक डाउन फेज़ 1 में दारुल उलूम देवबंद से वापस आए बहुत से बच्चों में हमारे भाई साहब भी शामिल थे। सूरत ए हाल कुछ यूं थी कि कोपागंज का रहने वाला एक लड़का कोरोना पॉजिटिव हो गया जिसकी वजह से बाकी बच्चों को भी डिटेन करके लिटिल फ्लावर चिल्ड्रेन स्कूल के करीब एक प्राइवेट स्कूल में ही क्वारेंटाईन कर दिया गया।

अरशद जमाल से हमारी बात हो चुकी थी जिन्होंने हमें यकीन दिलाया कि मैं इस तश्वीसनाक सूरत ए हाल में आपको हरगिज़ तन्हा नहीं छोडूंगा और आपके दुख-दर्द शरीक होने जरूर आऊंगा। बहरहाल, शाम हो गई सूरज ढल गया, रात के दस बज गए और यहां तक कि 11: 30 हो गए। बच्चों के पास कुछ नही था...सिवाय अपने फोन मोबाइल के, मगर अरशद जमाल ने कहा था कि मैं आऊंगा तो वो आए भी और खाली हाथ नहीं बल्कि सारी चीज़े अपने साथ लेकर आए। यहां तक कि अगरबत्ती सुलगाने के लिए माचिस और ज्यादा से ज्यादा दो दिन के नाश्ते के लिए पैकेट वाले सामान भी साथ लाए।

उसी दौरान माह ए मुकद्दस (रमज़ान) भी शुरू हो गया लेकिन हमारे पास अल्हमदुलिल्लाह कोई कमी नहीं थी। कमी बस थी तो अपने बाल बच्चों की जिनके बीच हम नहीं थे। यही एक भारी कमी थी। बाकी कोई कमी नही थी। खैर यह तो फितरी था। आप अपने लोगों से इन हालात में कब तक दूर tah सकेंगे।

सेहरी के लिए चेयरमैन साहब की गाड़ी 2:30 आ जाती। घर के बने हुए खाने के साथ दूध-पाव और सब कुछ होता था। खबरगीरी के लिए कभी वो खुद और कभी दानिश भाई जरूर आते थे।

वो उस वक्त चेयरमैन के पद पर नही थे और न ही कभी क्वारेंटाईन हुए बच्चों की आप जाती मफात या नामवरी के मकसद से तस्वीर बनाई गई। यह काम सिर्फ और सिर्फ नेकनीयती से अंजाम दिया गया था। हां! चेयरमैन साहब ने इतना ज़रूर कहा था कि आप लोग मेरे हक में दुआ ए खैर करते रहिएगा।

अरशद साहब! आपका एहसान वो बच्चे तो नहीं चुका पाएंगे, मगर अल्लाह आप को कामयाब करे, इसकी दुआ वो बच्चे अक्सर ज़रूर करते रहते हैं।

09/05/2023

मूसा अलयहीस्सलाम ने एक दिन अल्लाह की बारगाह में अर्ज किया के ऐ मेरे रब मेरे साथ जन्नत में कौन होगा?
इरशाद हुआ के
एक कस्साब तुम्हारे साथ जन्नत🥰🥰 में होगा
हज़रत मूसा अलयहीस्सलाम कुछ हैरान हुए और उस कस्साब की तलाश में निकल पड़े
और एक जगह पर गोश्त की दूकान पर कस्साब को गोश्त बेचते हुए मसरूफ देखा
शाम को अपना कारोबार खत्म करके कस्साब ने एक गोश्त का टुकड़ा एक कपडे में लपेटा और घर की तरफ रवाना हो गया
हज़रत मूसा अलयहीस्सलाम ने कस्साब से उसके घर मेहमान बन जाने की इजाजत मांगी
घर पहुचकर कस्साब ने गोश्त पकाया और रोटी बनाई
और रोटी के टुकड़े किये और गोश्त के शोरबे में नरम किये
और दूसरे कमरे में चला गया
उस कमरे में एक बूढ़ी औरत लेटी थी
कस्साब ने उसे धीरे से उठाया और प्यार से खाना खिलाया और फिर लेटा दिया
फिर उस बूढ़ी औरत ने कस्साब के कान में कुछ कहा जिस से कस्साब मुस्कुराया
और अपने कमरे में चला आया
ये सब माजरा मूसा अलयहीस्सलाम देख रहे थे
आपने कस्साब से पूछा के वो कौन हे और तुम्हारे कान में ऐसा क्या कहा जिस से तुम मुस्कुरा उठे ?
कस्साब ने कहा के ऐ अजनबी वो मेरी माँ हे और में घर आकर सब से पहले उसे खाना खिलाता हूँ और इसका काम करता हूँ
तो खुश होकर मुझे दुआ देती हे पर आज तो उसने दुआ की इन्तहा ही कर दी के
अल्लाह तुझे जन्नत में मूसा के साथ रखे बस इसी बात पर में हँस गया के
में गुनाहगार कहाँ और अल्लाह के नबी हज़रत मूसा अलयहीस्सलाम कहाँ ।

क़ुर्बान माँ की दुआओ के
माँ की दुआ वो दस्तक हे जो जन्नत के दरवाजे खोल देती हे
तो जो मेरा भाई मेरी ये पोस्ट पढ़ रहा हे उनसे गुज़ारिश हे के अपनी माँ से अभी सलाम करे और उनकी सलामती के लिए रब से दुआ करे आमीन.🤲🤲🤲

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