19/10/2025
भगवान जगन्नाथ महाप्रभु को कलियुग का भगवान भी कहा जाता है, जो अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए खुद उनके द्वार पर आते हैं। वह दयालु और कृपालु हैं, और उनकी रथयात्रा एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन है, जिसमें लाखों भक्त भाग लेते हैं।
भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पुरी, उड़ीसा में आयोजित की जाती है, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रहों को रथ पर विराजमान कर मौसीबाड़ी ले जाया जाता है। इस यात्रा में रथों को खींचकर भगवान जगन्नाथ की मौसी के घर गुंडीचा मंदिर लाया जाता है, जहां महाप्रभु 9 दिन विश्राम करते हैं।
*भगवान जगन्नाथ महाप्रभु के प्रमुख उत्सव और अनुष्ठान:*
- *रथयात्रा*: भगवान जगन्नाथ की विश्वप्रसिद्ध रथयात्रा, जिसमें भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के विग्रहों को रथ पर विराजमान कर मौसीबाड़ी ले जाया जाता है।
- *देव स्नान पूर्णिमा*: भगवान जगन्नाथ और उनके भाई-बहनों का स्नान कराया जाता है, जिसके बाद भगवान बीमार हो जाते हैं और 15 दिनों के लिए अणासार कक्ष में विश्राम करते हैं।
- *नवकलेवर*: हर 12 साल में महाप्रभु की मूर्ती को बदला जाता है, जिसमें पुरानी मूर्ती से "ब्रह्म पदार्थ" निकालकर नई मूर्ती में रखा जाता है।
भगवान जगन्नाथ महाप्रभु की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को जन्म-जन्मांतर के पाप नष्ट होने और संसार रूपी भव सागर से पार होने का सौभाग्य प्राप्त होता है।