11/11/2025
मसूरीक दाइल, रायके साग, आ टमाटरके चटनीसँ अम्बिका विश्वकर्मा अपन पति सन्तोष लेल खाना परसलनि। सन्तोष गहनाके दोकानमे काज करैत छल। भोरका खाना खा क गहना बनेबाक काजपर जाएब हुनकर दिनचर्या छल। भादब २३ गते [जेनजी आन्दोलनक दिन] सन्तोष सदिखनसँ किछु बेसी हरबड़ीमे देखाइत छलै। अम्बिका ओइ दिनकेँ याद करैत कहलनि, "कि हरबड़ी छलै?, थाह नै। दोस्तसभके फोन आबि रहल छलै। खाए क निकैल गेल।" काजके लेल जाइत हेतै, तँए अम्बिका जल्दीसँ खाना खुआ क सन्तोषकेँ विदा कएलनि। "धीया-पूता बाबुकेँ खोजैत छथि, साँझमे जल्दी आबू," सन्तोष अम्बिका दिस ताकैत जवाबमे "हँ!...
काठमाण्डूक जतेक अस्पताल छल, सबमे घायल पतिकेँ खोजए निकललीह। अन्तमे वीर अस्पतालमे मृत शरीर रहल पता चलल। गेटसँ भीतर ....